आवारा मवेशियों से किसान परेशान, रोका-छेका अभियान फ्लाप, सड़क पर आवारा मवेशियों का डेरा

बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
 देश का अन्नदाता कहे जाना वाला किसान आज अनाज को मोहताज हो रहा है। ऐसा नहीं है कि वह खेतो में मेहनत नहीं कर रहा या उसने खेती कर अनाज उगाना बंद कर दिया है। बल्कि वह आज भी पहले जैसी मेहनत कर रहा है। मगर उसकी इस मेहनत पर आवारा पशु पानी फेर रहा हैं। किसानों को अब तक केवल फसल को उगाने में मेहनत करनी पड़ती थी। मगर अब उन्हें बोई हुई फसल को बचाने में पहले से ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है। क्योंकि आवारा पशुओं का प्रकोप इस कदर है कि उन्हें खेतो में भारी नुकसान पहुंचाना पड़ रहा है।

उल्लेखनीय है कि लवन नगर व आसपास गांवो में बड़ी संख्या में आवारा पशुओं की संख्या में इन दिनों काफी इजाफा होने से किसानों की फसलो का नुकसान हो रहा है, जिससे किसानों में काफी रोष व्याप्त है। आवारा मवेशी खेतो में दिन-रात घुसकर फसलाों को नुकसान पहुंचा रहे है। ये जानवर झुण्ड में बड़ी संख्या में खेतों में जाकर फसल को रौंदकर नुकसान पहुंचा रहे है। यह देखकर किसान लाठी लेकर बहुत दुर तक खदेड़ रहे है। अगले दिन फिर से आवारा मवेशी खेतों में पहुंच जा रहे है।
राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के तहत गांव-गांव में गौठान निर्माण कराया गया है। लेकिन इस गौठान में क्षेत्र के किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। जिसकी वजह से किसान परेशान है। दिन हो या रात आवारा मवेशी उनकी फसल को नुकसान पहुंचा रहे है। अपनी फसलो को मवेशियों से बचाने के लिए लोग समूह बनाकर गांव, सड़क खेतों में विचरण कर रहे मवेशियोें को इकट्ठा कर रहे है। वही, शांम होते ही राउत के द्वारा मवेशियों को उसके घर तक पहुंचा रहे है। जो मवेशी लावारिश है, वह मवेशी सड़को पर विचरण कर खेतों की तरफ जा रहे है। खेतों में झूण्ड के झूण्ड एकसाथ जाने से फसलों को क्षति पहुंच रही है।
वही, जनप्रतिनिधियों और पंचायत प्रतिनिधियों में रोका-छेका अभियान को लेकर उत्साह की कमी देखी जा रही है। राज्य सरकार के द्वारा नगर व गांवों में गौठान का निर्माण कराया गया। लेकिन मवेशी गौठान में कम सड़को व खेतोे में ज्यादा नजर आ रहे है। सड़क पर बैठे मवेशियों के कारण दुर्घटनाएं होने की संभावना बनी रहती है, और रोजाना एक दो मवेशी की सड़को पर मौत हो रही है जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा ध्यान नहीं दिये जाने की वजह से यह योजना फ्लाप साबित हो रही है।

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